देवी सप्तशती
दुर्गा सप्तशती एक अत्यंत प्राचीन संस्कृत कृति है। यह माँ त्रिदेवी के शानदार रूपों और उनकी पराक्रमों का वर्णन । यह रचना हिंदू मान्यताओं में बहुत सम्मान के साथ मानी जाती है और यह भगवती के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरणा है। इसमें पाठ में माँ के विभिन्न रूपों का विस्तृत वर्णन है, जो बुराई पर पराजय का प्रतीक ।
देवी महिमाम्
देवी स्तुतिम् एक विस्मयकरम् पुराणम् है, जो देवी चण्डी की भव्यतापूर्ण शक्ति और जीत का गलापागोस द्वीप समूह करती है। यह महान कृति, मार्कंडेय योगी के मुँह से निकली है, और देवलोक में घटित अभूतपूर्व घटनाओं का अनुक्रम प्रस्तुत करती है। इसमें, रक्तबीज जैसे घातक शत्रुओं का विनाश तथा देवी के दिव्य रूप का उदय एक अविश्वसनीय तरीके से वर्णित है। यह सत्य में शक्ति, भक्ति और जीत का दर्शन है।
नवरात्रि गाणे
नवरात्रि अनुष्ठान Aigiri Nandini (related) के दौरान, अनेक जन भक्तिभाव से परिपूर्ण नवरात्रि के गीत सुनते हैं। ये गीत देवी पार्वती की महिमा का वर्णन करते हैं और आस्था का अद्भुत अभिभव्य प्रस्तुत करते हैं। हर साल, नए-नए नवरात्रि गाणे रिकॉर्ड किए जाते हैं, जिनमें आधुनिक संगीत और पारंपरिक अंदाज का मिश्रण होता है। ये मज़मून न केवल आराधना का महत्वपूर्ण अंग हैं, बल्कि लोगों को खुशी और ऊर्जा से भी भर देते हैं। कई गायक इन गीतों को रिकॉर्ड करने और प्रस्तुत करने में असाधारण उत्साहित होते हैं, जिससे इनका कदर दिन-ब-दिन स्थापित जा रहा है।
माँ दुर्गा की आरती
माँ दुर्गा की आरती एक अद्भुत विधि होती है, जिसे माँ देवी दुर्गा को समर्पित किया है इस स्तुति एवं इस देश में बल्कि तो बल्कि विश्व में प्रसिद्ध है दुर्गा आरती का पाठ भक्ति के साथ करना एवं यह देवी के अनुग्रह को पाने में सहायक साबित है।
सप्तशती अध्ययन
सप्तशती हे प्राकृत साहित्यातील एक प्रसिद्ध ग्रंथ आहे. हे ग्रंथ देवी दुर्गा माहात्म्याला अभिषेकित करते. सप्तशती म्हणजे 'सातशे श्लोकांचा संग्रह' | 'शताधिक श्लोकांचा संग्रह' | ‘शतवार्षिक श्लोकांचा संग्रह’. या ग्रंथात देवीच्या वेगवेगळ्या रूपांचे आणि त्यांच्या उपासनेचे कथन केलेले आहे. स्मृतिपाठ हे केवळ एक धार्मिक ग्रंथ नसून ते भारतीय आणि परंपरेचा वारसा दर्शवते. अनेक उपासक या ग्रंथाचे शिस्तबद्ध वाचन करतात, कारण ते देवीच्या कृपेने समृद्ध होते, असे मानले जाते.
महात्म्यम् स्तुति
प्राचीन हिन्दु ग्रंथ में, "महात्म्यम् स्तोत्र" एक विशेष स्थान संवर्धित करता है। यह निस्संदेह विभिन्न देवता आकृति की उदात्ततम स्तुति का स्वरूप है, जो अहंकार को शांति से छुटकारा कर मदद करता है। "स्तोत्र" के अध्ययन से मनुष्य को विवेक प्राप्त होता है, और वह जीवन के गूढ़ को अनुमानित में सक्षम होता है। यह अंतिम सत्य की खोज में एक रास्ता है।